संदेश

दिसंबर, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

धैर्य-Patience

चित्र
जब भी आपको किसी चीज का इंतजार करना पड़े तो आपको कैसा लगता है? एक ऐसी दुनिया में रहते हुए जो तुरंत संतुष्टि की उम्मीद करती है. घर, ऑफिस, बच्चों की क्लासेस, शॉपिंग, दोस्ती और दूसरे कामों के बीच क्या आप चाहते हैं कि आपके शेड्यूल के हिसाब से समय निकले? जब भी आपको किसी चीज का इंतजार करना पड़े तो आपको कैसा लगता है? एक ऐसी दुनिया में रहते हुए जो तुरंत संतुष्टि की उम्मीद करती है, हमारा धैर्य फीका पड़ने लगता है। अधीरता समय की कमी की तुलना में हमारे आत्म-नियंत्रण की कमी के बारे में अधिक है। हम वह चाहते हैं जो हम चाहते हैं, और हम इसे तुरंत चाहते हैं। एक कार्य से दूसरे कार्य पर और एक विचार से दूसरे कार्य पर भाग-दौड़ करना - हम केवल तनाव, आक्रामकता और दर्द को बढ़ा रहे हैं। अपने लक्ष्य की ओर दौड़ना इस योग्य नहीं है कि सब्र को पीछे छोड़ दूं। आइए प्रतीक्षा करना सीखें, यह विश्वास करते हुए कि सब कुछ सटीक है, और ठीक उसी समय हो रहा है जब यह होना चाहिए। स्वयं, लोगों और स्थितियों के साथ धैर्य रखना शांति, करुणा और स्वीकृति लाता है। यह हमें चुनौतियों के बीच जीवन को संभालने की शक्ति भी देता है जब हम अन्य दृश्यो...

शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करौली एक दिखावा

चित्र
 राजकीय शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र  मासलपुर चुंगी के पास, करौली पर पिछले एक माह से चिकित्सक के नहीं होने से सारा स्टाफ बगैर काम किए अपना वेतन उठा रहा है क्योंकि बगैर चिकित्सक के कोई दवाई नहीं दी जा सकती कोई जांच नहीं होगी. इससे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.  इस संबंध में आज जब स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया गया तो स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लगा हुआ था और उसी समय एक आशा सहयोगी वंहा और उसने ताला खोल दिया और उसने बताया कि यहां पर कोई नहीं आता है, क्योंकि चिकित्सक 1 माह से अवकाश पर हैं और उनकी जगह कोई लगाया नहीं गया है और उनके बगैर कुछ भी नहीं हो सकता.  इस संबंध में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात की गई तो उनका यह कहना था कि अभीचिकित्सक के प्रसूति अवकाश पर छुट्टी पर जाने के कारण किसी को नहीं लगाया गया है और 15 दिन में किसी को राज. सरकार द्वारा लगाया जाएगा. जब उनसे यह कहा गया कि आप खुद भी लगा सकते हैं, जहां भी चिकित्सक एक्स्ट्रा है उसे यहां पर लगा दे तो जो लोग आते हैं वह वापस तो नहीं जाएंगे,...

ठेले वालों, फेरी वालों एवं फुटपाथ पर दुकान लगाकर काम करने वालों को ऋण उपलब्ध कराने की योजना का कोई फायदा नहीं

चित्र
https://urban.rajasthan.gov.in/content/raj/udh/lsg-jaipur/en/schemes/IGSCCY.html राजस्थान सरकार द्वारा वाहवाही लेने के लिए पंजीकृत ठेला, पटरी वालो की सहायतार्थ इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना तो चालू कर दी गई, लेकिन योजना के अंतर्गत जरूरतमंदों को ऋण तो मिल ही नहीं रहा है। इसका मुख्य कारण नगर परिषद और बैंकों की ढिलाई और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इस पर नियंत्रण नहीं होना है। नगर निकाय एवं प्रशासनिक अधिकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं।  करौली जिले में इस योजना के अंतर्गत लगभग 6000 लोगों ने ऋण के लिए आवेदन किया इसमें से मैच 750 लोगों को ही बैंक की ओर से ऋण स्वीकृत किया गया है और बाकी मामले लंबित चल रहे हैं। जरूरतमंदों को ऋण के लिए भटकना पड़ रहा है। आवेदनों के मामले में नगर निकायों ने अपने लक्ष्य पूरे कर लिए और जिले को राजस्थान में तीसरे स्थान पर पहुंचा दिया, लेकिन अगर उनको ऋण ही नहीं मिला तो उसकी खानापूर्ति लक्ष्यों की रहेगी, इसकी योजना के तहत राजस्थान के स्थाई निवासी को जिसकी कुल आय ₹15000 तक तथा मासिक आय परिवार की रु 50,000 तक हो वह यह ऋण प्राप्त हो सक...

राजस्थान में लागू कुछ सरकारी योजनाएं || राजस्थान के गरीब एवं पिछड़े परिवारों के लिए योजनाएं

चित्र
राजस्थान के गरीब एवं पिछड़े परिवारों के लिए योजनाएं 1. राजस्थान में ऐसी महिला जिनकी आयु 55 वर्ष या जन्म तारीख 01/01/1968 या इससे पूर्व का जन्म है और पुरूष जिनकी आयु 58 वर्ष या जन्म तारीख 01/01/1965 या इससे पूर्व का जन्म है, वो ई मित्र पर जन आधार कार्ड, आधार कार्ड एवं बैंक की पासबुक ले जाकर अपना *पेंशन आवेदन* कर सकते हैं, ताकि वो सभी राज्य सरकार की तरफ से हर माह ₹750 पेंशन पा सकते हैं। 2. जो समाज की महिला विधवा है वो अपने पति का *मृत्यु प्रमाण पत्र* और जन आधार कार्ड, बैंक पासबुक ई मित्र पर ले जाकर पेंशन के लिए आवेदन कर सकते है । अगर किसी महिला की वृद्धावस्था पेंशन आ रही है और उसके पति की मृत्यु हो गई है तो वह मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर ईमित्र पर चले जाए वहां उनके परिवार से पति का नाम हटा दिया जाएगा और उन्हें विधवा पेंशन मिलना शुरू हो जाएगा। 3. पेंशन प्राप्त करने वाले सभी लोग अपने जन आधार कार्ड में अपनी सही *आयु दर्ज करा कर रखें* ताकि उनकी पेंशन में समय-समय पर बढ़ोतरी होती रहे । 75 साल से अधिक उम्र के वृद्ध को 1000 रुपये 60 साल से अधिक उम्र की विधवा को 1000 रुपये और 75 साल से अधिक उम्र ...

करौली में ट्रैफिक पार्क शुरू नहीं होने से नागरिकों में आक्रोश

चित्र
करौली में ट्रैफिक पार्क शुरू करने के लिए जितेंद्र मित्तल सक्रिय करौली में ट्रैफिक पार्क के लिए सरकार ने 2020-21 में स्वीकृति दी. परंतु अभी तक ट्रैफिक पार्क नहीं बना है इस कारण नागरिकों में आक्रोश है. युवा समाजसेवी जितेंद्र मित्तल ने बताया कि उसने इस संबंध में मुख्यमंत्री मुख्य सचिव संभागीय आयुक्त एवं जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि ट्रेफिक पार्क शीघ्र बनाया जाए. ट्रेफिक पार्क परिवहन विभाग द्वारा बने हुए स्थान पर ही बनाया जाए इससे लोगों को सुविधा होगी और जानकारी भी बढ़ेगी उल्लेखनीय है कि यह पार्क 5000000 रुपए के स्वीकृति के बावजूद अभी तक नहीं बन पाया है। करौली जिला मुख्यालय पर ही ट्रेफिक पार्क के लिए पर्याप्त जगह है.

सौर ऊर्जा पम्प परियोजना (कम्पोनेन्ट ‘बी’) - पी एम कुसुम

चित्र
  राजस्थान राज्य मे सौर ऊर्जा की अपार सम्भावना को ध्यान में रखते हुये राजस्थान सरकार के उद्यान विभाग द्वारा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ( MNRE),  भारत सरकार की  ’’ प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान ( PM KUSUM )’’  परियोजना  2019-20  के कम्पोनेंट ‘बी’ अन्तर्गत राजस्थान कृषकों को हाईटेक उद्यानिकी/कृषि कार्य के लिए सिंचाई हेतु 7.5 एचपी पम्प क्षमता तक स्टैंण्ड अलोन सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र राजस्थान सरकार द्वारा 60% अनुदान पर उपलब्ध कराये जायेगे।  कृषक यदि 10 एचपी क्षमता का पम्‍प लगाने के लिये इच्‍छुक है तथा इसके लिये पात्र होते है तो उन्‍हें 10 एचपी क्षमता का पम्‍प लगाने पर 7.5 एचपी क्षमता तक ही अनुदान देय होगा। यह परियोजना जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन (JLNNSM) तथा राज्य योजना के तहत् क्रियान्वित की जावेगी।  इस योजना का उदेश्य जिन कृषकों के पास सिंचाई हेतु कृषि विद्युत कनेक्शन नही है एवं सिंचाई के लिये डीजल चलित संयंत्र अथवा अन्य वैकल्पिक साधन पर निर्भर है, उन्हें सिंचाई हेतु सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र अनुदान पर उपलब्ध करवाये ज...

मधुमक्खी पालन (Bee-Keeping)

चित्र
   Bee-Keeping मधुमक्खी पालन  ( Bee-Keeping ) यह जानकारी भूमिहीन किसानों के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकती है. पूर्वी राजस्थान के कई जिले सरसों की पैदावार करते हैं, जोकि मधु बनाने के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकता है. इससे न केवल किसानों की आय में वृधि होती है बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होते हैं.  मधुमक्खी पालन किसानों व् ग्रामीणों के लिए आय का एक अच्छा जरिया बन सकता है करौली सवाई माधोपुर भरतपुर धौलपुर जैसे जिलों में जहां सरसों की उपज अच्छी होती है और जंगल भी हैं वहां मधुमक्खी से अच्छी आमदनी ली जा सकती है। सरकारी इसके लिए आवश्यक जानकारी तकनीकी सहयोग तथा आर्थिक मदद उपलब्ध करा रही है। मधुमक्खी प्रजनकों द्वारा उत्पादित मधुमक्खी की श्रेष्ठ कालोनियों से मघुमक्खी पालन को बढ़ावा देने हेतु आठ फ्रेमों वाली प्रति कॉलोनी की लागत  2000  रूपये एवं मधुमक्खी पालन बाक्स की लागत  2000  रूपये पर लागत का  40  प्रतिशत अनुदान देय है। एक लाभार्थी को अधिकतम  50  कालोनी एवं  50  मधुमक्खी बॉक्स पर अनुदान देय है।   अनुदान प्रक्रियाः...

महिला एवं बाल विकास की नीतियां एवं उनका देश की जनता को लाभ

चित्र
महिलाओं और बच्चों का सशक्तिकरण एवं सुरक्षा और उनका संपूर्ण विकास सुनिश्चित करना देश के सतत और न्‍यायोचित विकास के लिए महत्वपूर्ण है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा नीतियों और कार्यक्रमों को संयोजित करते हुए महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने, जेंडर से संबंधित सरोकारों को मुख्यधारा में लाने, उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने और उन्हें अपने मानवीय अधिकारों का अहसास करने में सक्षम बनाने तथा उन्‍हें अपनी पूरी क्षमता का विकास करने के लिए संस्थागत और विधायी सहायता सुगम बनाने के लिए कई उपाय किए गए हैं। इसी तरह, नीतियों और कार्यक्रमों के संयोजन के माध्यम से बाल अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने और शिक्षण, पोषण, संस्थागत और विधायी सहायता तक पहुंच सुगम बनाते हुए हमारे बच्चों के लिए सुरक्षित बचपन भी सुनिश्चित किया गया है। वर्ला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार ने दावा किया है कि वर्ष 2022 के दौरान उसकी प्रमुख पहलें/उपलब्धियां इस प्रकार रही हैं। मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं का तीन कार्यक्षेत्रों में व्‍यवस्‍थापन किया गया :  मंत्रालय द्वार...

पंचायती राज मंत्रालय की योजनाएं

चित्र
केंद्र सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए बहुत सारी योजनाएं पंचायती राज मंत्रालय में शुरू कर रखी हैं। यह सारी योजनाएं सरकार के द्वारा सभी गांवों के विकास के लिए शुरू की गई हैं। आप मेरे द्वारा लिखे हुए इस आर्टिकल से उन सभी योजना के बारे में जान सकते हैं।  मैने यहां पंचायती राज मंत्रालय की सारी मुख्य मुख्य योजनाओं के बारे में विस्तार में बताया हैं। आप इन पंचायती राज मंत्रालय योजनाओं को यहां से जान सकते हैं: स्वामित्व (सर्वे ऑफ विलेजेस एंड मैपिंग विद इम्प्रोवाइज्ड टेक्नोलॉजी इन विलेज एरियाज़) योजना इस योजना का शुभारंभ हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर 24 अप्रैल, 2020 को किया था। यह पंचायती राज मंत्रालय की प्रमुख योजनाओं में से एक प्रमुख योजना हैं। पंचायती राज मंत्रालय की स्वामित्व योजना का उद्देश्य प्रत्येक गांव के हर गृहस्वामी को “मालिकाना दस्तावेज” प्रदान करना और ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति को सक्षम बनाना हैं। स्वामित्व योजना के 2 चरण 1. पहला चरण – प्रायोगिक योजना (अप्रैल 2020 – मार्च 2021):  पंचायती राज मंत्रालय की स्वामित्व योजना के प्रथम...

भूमि संसाधन विभाग (ग्रामीण विकास मंत्रालय) की योजनाओं की स्थिति: अपनी राय से अवगत कराएं

चित्र
भूमि संसाधन विभाग दो योजनाओं को कार्यान्वित कर रहा है। ये हैं- ( i) डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) और (ii) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई) का वाटरशेड विकास घटक। इन योजनाओं और इनकी उपलब्धियों का संक्षिप्त सारांश नीचे सूचीबद्ध है : डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी ) केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत भूमि संसाधन विभाग (डीओएलआर) ने आज बताया कि देश के 94 फीसदी से अधिक गांवों में भूमि अभिलेखों का कम्प्यूटरीकरण पूरा हो चुका है। अपने वर्षांत विवरण में विभाग ने बताया कि 29 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों (देश के कुल 6 ,56,792 गांवों में से 6,20,166 गांवों) में यानी 94 फीसदी से अधिक क्षेत्रों में रिकॉर्ड ऑफ राइट्स (अधिकार अभिलेख) पूरा कर लिया गया है। इसी तरह 27 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों (कुल 5 ,254 एसआरओ में से 4,905 उप-पंजीयन कार्यालय) में पंजीकरण का कम्प्यूटरीकरण का कार्य 93 फीसदी से अधिक पूरा हो गया है। इसके अलावा 20 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों (कुल 5,254 एसआरओ में से 3983 एसआरओ) में भूमि अभिलेखों के साथ...